Rent Rules: सरकार ने हाल ही में मकान किराए पर देने के नियमों में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं. यदि आप अपने मकान को किराए पर देने का विचार कर रहे हैं तो आपके लिए यह जानकारी बहुत महत्वपूर्ण है. केंद्र सरकार के आम बजट में किराये पर मकान देने के नियमों में बड़े पैमाने पर परिवर्तन की घोषणा की गई है, जो 2025 से प्रभावी होंगे.
नई गाइडलाइंस के अनुसार टैक्स की जिम्मेदारी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश किए गए बजट के अनुसार अब मकान मालिकों को अपने किराए की आय पर टैक्स देना होगा. इस नए नियम के तहत मकान मालिकों को किराए से प्राप्त आय को ‘इनकम फ्रॉम हाउस प्रॉपर्टी’ के रूप में दर्शाना होगा और उस पर उचित टैक्स भुगतान करना होगा.
किराया नियमों के प्रमुख बिंदु
सरकार ने यह भी घोषित किया है कि यदि कोई मकान मालिक अपनी संपत्ति को 90 दिनों से कम समय के लिए किराए पर देता है तो वह मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (MNP) के लिए योग्य नहीं होगा. यदि मकान की स्वामित्व संबंधी किसी अदालती मामले में विचाराधीन है या मकान मालिक द्वारा टैक्स बकाया है, तो भी MNP प्रक्रिया में बाधाएँ आ सकती हैं.
मकान मालिकों के लिए टैक्स छूट का प्रावधान
नई नियमावली के अनुसार मकान मालिक अपनी प्रोपर्टी की नेट वैल्यू का 30% तक टैक्स में छूट प्राप्त कर सकेंगे. यह छूट उन्हें रखरखाव और अन्य खर्चों के लिए दी जाएगी. जिससे मकान मालिकों को अपनी कर देनदारियों में कुछ राहत मिलेगी.